08 May 2011

अशोक कुंगवानी

अशोक कुंगवानी
इन्द्र सदन‚ 226 / 26
कटरा चौकी
रीवा–486001 (म.प्र.)
********************



काट ही  बैठे
हाथ–पैर अपने
पेड़ काट के ।



चुप सब हैं
फिर गाता ये कौन
मूक निःस्वर।




पीताभ सब
संजीवनी से नाता
पतझर का।




सीटियाँ चुप
तम का हिटलर
भौंकता कुत्ता।




मृदा से जुड़े
इंजीनियर बने
कुम्हार नहीं।




रात चुप है
गवाह की तरह
सैकड़ों तारे।




चाँदनी रात
जीरो वॉट आदमी
पशु–चरित्र।

No comments: